|| धर्मो रक्षति रक्षितः ||
|| सनातन सांस्कृतिक संघ ||
जाति, वर्ण से ऊपर - सभी मोक्षलक्षी धार्मिक परंपराओं का — सनातन परिवार
सनातन सांस्कृतिक संघ एक आध्यात्मिक , सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, जो वैदिक, जैन, बौद्ध और सिख मोक्षलक्षी धार्मिक परंपराओं की, और एकता के आदर्शों को जागृत करने के लिए समर्पित है। हमारा उद्देश्य सनातन मूल्यों का प्रचार-प्रसार कर समाज में शांति, समरसता और सांस्कृतिक गौरव का भाव स्थापित करना है।

|| सनातन सांस्कृतिक संघ ||
हमारे बारे में
सांस्कृतिक एकता, आध्यात्मिक विरासत और सामाजिक जागरूकता
सनातन सांस्कृतिक संघ धार्मिक- सांस्कृतिक- सामाजिक कार्यक्रमों और आयोजनों के माध्यम से सनातन धर्म की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देता है,एवं सही इतिहास को बढ़ावा देता है। हमारा समावेशी समुदाय अहिंसा – करुणा और सद्भावना के सिद्धांतों को अपनाते हुए विविधता, आध्यात्मिकता और मूलभूत शास्त्र को अपनाता है।
अतएव हमारे सिद्धांतो का उत्साह बढ़ाने और सुयोग्य समाज के निर्माण एवं आध्यात्म — खोज की एक संपूर्ण यात्रा में सहभागी बनने हेतु सभी को हमारे साथ जुड़ने का अनुरोध ।

सनातन सांस्कृतिक संघ : सभी मोक्षलक्षी धार्मिक परंपराओं के समुदायों को जोड़ते हुए, और जाति- वर्ण के विविध संगठनों को समन्वित करते हुए...समुदायों को जोड़ते हुए, जीवन को उच्चतम करते हुए।
सनातन सांस्कृतिक संघ सभी मोक्षलक्षी धार्मिक परम्परा के समुदायों को जोड़ते हुए, जीवन को उच्चतम करते हुए।

मोक्षलक्षी धर्मों की एकता (वेदिक, जैन, सिख, बौद्ध ) :
सभी मोक्षलक्षी धर्मों वेदिक, जैन, सिख और बौद्ध - में मोक्ष एवं धर्म का मूल उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और अंतिम मुक्ति है। इन धर्मों में मूलभूत सिद्धांतों की एकता को पहचानते हुए, "मोक्षलक्ष्मी धर्म एकता का संदेश फैलाना चाहिए ताकि सभी पंथों के अनुयायियों में आपसी सद्भाव और समरसता बनी रहे।

जाति-व्यवस्था और वर्ण-व्यवस्था से ऊपर उठकर सामाजिक एकता:
हमें जाति और वर्ण की संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानव मात्र की समानता को स्वीकार करना चाहिए। सामाजिक समरसता, समान अधिकार और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना आवश्यक है, जिससे समाज में एकता और सहयोग का वातावरण निर्मित हो।

अनादि अनंत सनातन परंपरा, प्रणाली और संस्कृति का सही अर्थ एवं प्रचारः
सनातन धर्म की परंपराएं, जीवन प्रणाली और सांस्कृतिक मूल्य अनादिकाल से जीव कल्याण के लिए हैं। इनका सही अर्थ समझाकर और प्रचार-प्रसार कर नई पीढ़ी एवं आने वाली पीढ़ियों को इनके महत्व से परिचित कराना चाहिए ताकि वे अपने जीवन में इन मूल्यों को आत्मसात कर सकें।

सामाजिक उच्चता
TVDP (टोटल विलेज डेवलपमेंट प्रोग्राम):
ग्राम स्तर पर "TVDP" के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सुविधा, स्वावलंबी बनाने की विविध योजना और धार्मिक एवं जागरूकता का प्रसार किया जाना चाहिए। इससे ग्रामीण जीवन समृद्ध, स्वस्थ, नैतिक रूप से सशक्त तथा स्वावलंबी बन सकेगा।

हमारी उपलब्धियाँ – आपके विश्वास का परिणाम

हमारे संगठन से जुड़े हजारों सदस्य धर्म, सेवा और संस्कृति की अलख जगा रहे हैं।

देशभर में सामाजिक, धार्मिक और जागरूकता अभियानों का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाने के लिए स्वावलंबन योजनाएं महत्वपूर्ण हैं।

शास्त्रीय मार्गदर्शन के अनुसार नई पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को सही राह मिले, इस उद्देश्य से गाँव-गाँव में पाठशाला बनाने का संकल्प यथाशक्ति अनुसार